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सम्पत्ति अंतरण अधिनियम की धारा-122 में दान

 सम्पत्ति अंतरण अधिनियम की धारा-122 में दान


सम्पत्ति अंतरण अधिनियम की धारा-122 में दान को परिभाषित किया गया है ।

 दान के निम्नलिखित आवश्यक तत्व बताये गये हैंः-

    1-    दाता एंव अदाता दोनो को जीवित होना चाहिए।

    2-    दान की सम्पत्ति निश्चित और दान के समय विद्यमान होना चाहिए।

    3-    दान स्वैच्छिक और बिना किसी प्रतिफल के होना आवश्यक है ।

    4-    दाता द्वारा दान सम्पत्ति का अंतरण किया जाना आवश्यक है ।

    5-    अदाता द्वारा दान सम्पत्ति का प्रतिग्रहण करना आवश्यक है  

            और  यह प्रतिग्रहण   दाता के जीवनकाल में ही किया जाना चाहिए ।

    6-    यदि दान सम्पत्ति स्थवर होतो दान विलेख दाता अथवा उसकी तरफ से किसी अधिकृत व्यक्ति द्वारा         हस्ताक्षरित          और कम से कम दो साक्षियों द्वारा अनुप्रमाणित होना आवश्यक है 
               दान विलेख का   रजिस्ट्ी करण होना भी आवश्यक है ।

                     

भारतीय न्याय व्यवस्था nyaya vyavstha

umesh gupta