भारतीय न्याय व्यवस्था nyaya vyavstha)
’अधिनियम’ की धारा-163 (क)के अंतर्गत प्रतिकर संबंधित उत्तरदायित्व निर्धारण के लिए यह स्थापित किया जाना पर्याप्त है कि संबंधित वाहन से आवेदक को शारीरिक क्षति कारित हुई अथवा किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई । ऐसे मामलों में यह प्रमाणित किया जाना आवश्यक नहीं है कि दुर्घटना किसी की लापरवाही के कारण हुई। संदर्भ-
1- राजस्थन स्टेट रोडवेज कार्पोशन वि. पीडित महिला अनीता आदि 2001 (3) एम.पी.एल.जे. 147.
ऐसे मामले में प्रतिकर निर्धारण के लिए अधिनियम के अंतग्रत दी गई अनुसूची का उपयोग किया जाना चाहिए ।
2- कैलाश विरूद्ध ओमप्रकाश यादव- 2003 (3) एम.पी.एच.टी.-58.
’अधिनियम’ की धारा-163 (क)के अंतर्गत प्रतिकर संबंधित उत्तरदायित्व निर्धारण के लिए यह स्थापित किया जाना पर्याप्त है कि संबंधित वाहन से आवेदक को शारीरिक क्षति कारित हुई अथवा किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई । ऐसे मामलों में यह प्रमाणित किया जाना आवश्यक नहीं है कि दुर्घटना किसी की लापरवाही के कारण हुई। संदर्भ-
1- राजस्थन स्टेट रोडवेज कार्पोशन वि. पीडित महिला अनीता आदि 2001 (3) एम.पी.एल.जे. 147.
ऐसे मामले में प्रतिकर निर्धारण के लिए अधिनियम के अंतग्रत दी गई अनुसूची का उपयोग किया जाना चाहिए ।
2- कैलाश विरूद्ध ओमप्रकाश यादव- 2003 (3) एम.पी.एच.टी.-58.