यदि संविधान के अनुसार कार्य किया जाये तो सामाजिक न्याय दूर की बात नहीं है । शाम के अंधेरे के बाद सुबह होती है । रास्ता भूले लोग अपने घर वापिस आते हैं । यदि व्यक्तिगत हित छोडकर देश हित में संविधान के अनुसार कार्य किया जाये तो सामाजिक न्याय परिलोक की बात नहीं है ।
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4 टिप्पणियां:
अगर कोई व्यक्ति सुसाइड कर लेता है ओर सुसाइड नोट पर किसी के नाम लिख जाता है तो क्या आप कोई उपाय वतायेगे
हाँ
हाँ
आप भी वतायेगे कुछ
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