संयुक्त अपकृत्यकर्ताओ
माननीय मध्य प्रदेष उच्च न्यायालयय की खण्डपीठ के द्वारा सुषीला भदौरिया श्रीमती बनाम एम.पी.एस.आर.टी.सी. 2005-1- जे.एल.जे. 15 में अभिनिर्धारित किया गया है कि संयुक्त अपकृत्यकर्ताओ के मामलों में जहा कि दायित्व संयुक्त एंव पृथक हो, दावेदार को यह विकल्प प्राप्त होगा कि वह दोनो वाहनों के चालको स्वामीगण व बीमा कम्पनी को षामिल कर सके अथवा मात्र एक वाहन के चालक स्वामी व बीमा कम्पनी को षामिल कर सके ओर सम्पूर्ण प्रतिकर को अपकृत्यकर्ताओ में एक से वसूल कर सके। उसके लिए आवष्यक नहीं है कि वह दोनो अपकृत्यकर्ताओ को पक्षकार बनाए । उसकी मर्जी के अनुसार वह उनमें से किसी एक को चुन सकता है ।
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माननीय मध्य प्रदेष उच्च न्यायालयय की खण्डपीठ के द्वारा सुषीला भदौरिया श्रीमती बनाम एम.पी.एस.आर.टी.सी. 2005-1- जे.एल.जे. 15 में अभिनिर्धारित किया गया है कि संयुक्त अपकृत्यकर्ताओ के मामलों में जहा कि दायित्व संयुक्त एंव पृथक हो, दावेदार को यह विकल्प प्राप्त होगा कि वह दोनो वाहनों के चालको स्वामीगण व बीमा कम्पनी को षामिल कर सके अथवा मात्र एक वाहन के चालक स्वामी व बीमा कम्पनी को षामिल कर सके ओर सम्पूर्ण प्रतिकर को अपकृत्यकर्ताओ में एक से वसूल कर सके। उसके लिए आवष्यक नहीं है कि वह दोनो अपकृत्यकर्ताओ को पक्षकार बनाए । उसकी मर्जी के अनुसार वह उनमें से किसी एक को चुन सकता है ।
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